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दिव्यांग क्रिकेटर आमिर हुसैन की मदद करेंगे गौतम अडाणी:34 साल के प्लेयर के वीडियो पर लिखा- \\\'आपका संघर्ष, हम सबके लिए प्रेरणा है\\\'

अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी 34 साल के दिव्यांग क्रिकेटर आमिर हुसैन की मदद के लिए आगे आए हैं। आमिर हुसैन के एक वीडियो गौतम अडाणी ने लिखा कि आमिर की यह भावुक कर देने वाली कहानी अद्भुत है। हम आपकी हिम्‍मत, खेल के प्रति निष्‍ठा और विपरीत परिस्थिति में कभी हार नहीं मानने वाले जज्‍बे को प्रणाम करते हैं।

उन्होंने आगे लिखा कि अडाणी फाउंडेशन आमिर से जल्‍द संपर्क करेगी और उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास करेगी। आपका संघर्ष, हम सबके लिए प्रेरणा है। बता दें कि बिजबेहरा के वाघामा गांव के आमिर हुसैन मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर की पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान हैं।

 

बचपन में हुआ था दर्दनाक हादसा
हुसैन के 8 साल की उम्र में एक हादसे के कारण दोनों हाथ काटने पड़े थे। उनके हाथ क्रिकेट बैट बनाने वाली मशीन की चपेट में आ गए थे। वे करीब तीन साल तक हॉस्पिटल में भर्ती रहे। पिता बशीर अहमद बैट बनाने के कारखाने में काम करते थे। बेटे की जिंदगी बचाने के लिए उन्होंने अपना सबकुछ बेच दिया। हुसैन पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर के हैं। उनके तीन भाई और एक छोटी बहन हैं।

नहीं छोड़ा क्रिकेट का सपना
बचपन में हुए हादसे के बाद भी आमिर हुसैन ने अपना सपना नहीं छोड़ा। हाथ खोने के बाद उन्होंने बैट को पकड़ने की अलग स्टाइल अपनाई। हुसैन बैट को अपने कंधे और गले की बीच फंसाकर फिर शॉट लगाते हैं। वे पैर की उंगलियों के बीच बॉल फंसाकर स्पिन बॉलिंग भी कर लेते हैं। वे लगातार इसकी प्रैक्टिस करते रहे और एक दिन उनका सपना सच हो गया।

2013 में मिला ब्रेक
हुसैन के टैलेंट को देखते हुए 2013 में उन्हें जम्मू-कश्मीर की पारा क्रिकेट टीम में शामिल किया गया। जल्द ही वे इस टीम का कप्तान भी बन गए। 2014 में वहां आई बाढ़ के कारण वे करीब एक साल तक खेल से दूर रहे। 2015 में इंटर स्टेट पारा टूर्नामेंट में उन्होंने फिर वापसी की और टीम को चैम्पियन बनाया।

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